NEELAM GUPTA

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मेरा चरित्र

सुनो जी मोगरे के फूलो का ।
एक गजरा ले आना।
डालकर उसमें प्रीत की डोरी।
मेरे जुड़े में सजाना ।

एक एक कली को ।
बना के अपनी जिम्मेदारी।
अपने से मै बाँध लुंगी।
समझ कलियाँ प्यारी प्यारी  ।

किसी को भी बिखरने नही  दुंगी ।
जब विश्वास से उनको पिरोऊगी।
महकाएगी वह मेरा जीवन।
सम्भाल उन्हे मै जब निखर जाऊँगी  ।

खुशबू से महकेगा मेरा घर आंगन।
हर फूल से हैं प्यारे रिश्ते।
ताजगी सी हमारे जीवन मे आ जाएगी।
मेरे चरित्र को वह और सुन्दर बनाएंगी।

नीलम गुप्ता( नजरिया)
         दिल्ली



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5 Comments

Seema Priyadarshini sahay

08-Jul-2021 05:08 PM

सुंदर

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Kumawat Meenakshi Meera

08-Jul-2021 04:02 PM

सुंदर

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Swati chourasia

08-Jul-2021 04:01 PM

Very nice 👌

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