मेरा चरित्र
सुनो जी मोगरे के फूलो का ।
एक गजरा ले आना।
डालकर उसमें प्रीत की डोरी।
मेरे जुड़े में सजाना ।
एक एक कली को ।
बना के अपनी जिम्मेदारी।
अपने से मै बाँध लुंगी।
समझ कलियाँ प्यारी प्यारी ।
किसी को भी बिखरने नही दुंगी ।
जब विश्वास से उनको पिरोऊगी।
महकाएगी वह मेरा जीवन।
सम्भाल उन्हे मै जब निखर जाऊँगी ।
खुशबू से महकेगा मेरा घर आंगन।
हर फूल से हैं प्यारे रिश्ते।
ताजगी सी हमारे जीवन मे आ जाएगी।
मेरे चरित्र को वह और सुन्दर बनाएंगी।
नीलम गुप्ता( नजरिया)
दिल्ली
Seema Priyadarshini sahay
08-Jul-2021 05:08 PM
सुंदर
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Kumawat Meenakshi Meera
08-Jul-2021 04:02 PM
सुंदर
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Swati chourasia
08-Jul-2021 04:01 PM
Very nice 👌
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